डब्बा ट्रेडिंग एक अवैध व्यापारिक प्रथा है, जो भारत में शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग के पारंपरिक तरीकों से अलग है। इसमें निवेशक स्टॉक एक्सचेंज का उपयोग किए बिना, किसी बिचौलिया या ‘डब्बा ट्रेडिंग’ सुविधा देने वाले व्यक्ति के माध्यम से शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ विशेष बातें हैं, जो इसे अवैध बनाती हैं और भारतीय नियामक प्राधिकरण इसके खिलाफ कार्रवाई करते हैं।
डब्बा ट्रेडिंग का मुख्य तत्व यह है कि इसमें निवेशक के शेयर बाजार के आधिकारिक प्लेटफॉर्म के बजाय किसी गैर-पारंपरिक तरीके से ट्रेडिंग होती है। इस पद्धति में, लेन-देन के लिए कोई स्टॉक एक्सचेंज नहीं होता और न ही ट्रेडिंग की प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाता है। इसके चलते, सौदों का निपटारा केवल डब्बा ट्रेडिंग की सुविधा देने वाले व्यक्ति के माध्यम से होता है।
इसमें ट्रेडिंग की प्रक्रिया अत्यंत सरल होती है। निवेशक बिना डीमैट अकाउंट या केवाईसी (कस्टमर नॉ योर कस्टमर) के सभी लेन-देन कर सकते हैं। यह प्रणाली निवेशकों को बिना किसी औपचारिकताओं के शेयरों पर दांव लगाने की अनुमति देती है। इसके अलावा, इस प्रणाली में टैक्स नहीं देना पड़ता है और ट्रेडिंग मार्जिन भी कम होता है, जिससे निवेशकों को अतिरिक्त लाभ होता है।
हालांकि, डब्बा ट्रेडिंग की यह सरलता और सुविधाजनकता भी इसके अवैध होने की वजह है। भारत में इस प्रथा को अवैध मानने के पीछे कई कारण हैं:
- कानूनी सुरक्षा की कमी: चूंकि डब्बा ट्रेडिंग में स्टॉक एक्सचेंज का आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं होता, इसलिए इसमें निवेशकों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती। यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो उसकी निपटान की कोई कानूनी प्रक्रिया उपलब्ध नहीं होती। इससे निवेशक धोखाधड़ी और वित्तीय नुकसान का शिकार हो सकते हैं।
- कर की चोरी: डब्बा ट्रेडिंग में टैक्स की अनुपस्थिति एक प्रमुख आकर्षण है। लेकिन इस प्रणाली के कारण सरकार को टैक्स राजस्व की हानि होती है, जो कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके अलावा, कर की चोरी एक गंभीर अपराध है और इससे संबंधित सभी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं।
- नियमों की अवहेलना: भारतीय स्टॉक मार्केट के नियम और विनियम निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। डब्बा ट्रेडिंग इन नियमों का पालन नहीं करती, जिससे पूरे बाजार की विश्वसनीयता और साख पर प्रश्न उठते हैं।
- आर्थिक अस्थिरता: डब्बा ट्रेडिंग की अनियमितता और अस्थिरता बाजार में असंतुलन पैदा कर सकती है। यह अनियमित ट्रेडिंग गतिविधियाँ बाजार के लिए स्थिरता और पूर्वानुमानता को बाधित करती हैं, जो अंततः निवेशकों और समग्र अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
भारत में स्टॉक एक्सचेंज और सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) द्वारा डब्बा ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय का उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और बाजार में पारदर्शिता बनाए रखना है। इसके अलावा, यह वित्तीय प्रणाली की साख और स्थिरता को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। निवेशकों को पारंपरिक और नियामक मान्यता प्राप्त तरीकों से ट्रेडिंग करने की सलाह दी जाती है ताकि वे सुरक्षित और कानूनी रूप से संरक्षित रह सकें।