भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए पहले टी20 मैच में शानदार जीत हासिल की, लेकिन इस जीत के बावजूद कप्तान सूर्यकुमार यादव और कोच गौतम गंभीर को एक महत्वपूर्ण निर्णय के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस निर्णय में संजू सैमसन की जगह युवा खिलाड़ी रियान पराग को टीम में शामिल किया गया, जो क्रिकेट प्रेमियों के बीच विवाद का कारण बना।
गौतम गंभीर और सूर्यकुमार यादव पर आलोचना
गौतम गंभीर और सूर्यकुमार यादव ने संजू सैमसन को पहले टी20 मैच में प्लेइंग XI में नहीं रखा, और उनकी जगह रियान पराग को मौका दिया। यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के फैंस और विशेषज्ञों के बीच विवाद का कारण बना। कई फैंस ने गंभीर और यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने सैमसन को जानबूझकर नजरअंदाज किया, जबकि सैमसन हाल के दिनों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने हुए हैं।
गौतम गंभीर, जो कभी सैमसन के पक्षधर रहे हैं, को इस फैसले के बाद खासतौर पर आलोचना का सामना करना पड़ा। गंभीर ने एक बार संजू सैमसन को भारतीय टीम के लिए “अनड्रॉपेबल” बताया था जब वे ब्रॉडकास्टिंग के दौरान क्रिकेट पर चर्चा कर रहे थे। इस बयानों की वजह से गंभीर के इस फैसले को लेकर उनकी सच्चाई और ईमानदारी पर सवाल उठाए गए हैं।
रियान पराग की चयन प्रक्रिया
रियान पराग, जो एक युवा और होनहार खिलाड़ी के रूप में देखे जाते हैं, को टीम में शामिल करने का निर्णय एक जोखिम भरा था। यह माना जा सकता है कि चयनकर्ताओं ने पराग को एक नई संभावना के रूप में देखा और उन्हें मौका देने का निर्णय लिया। पराग ने हाल ही में घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन कई फैंस का मानना है कि इस मैच में सैमसन की उपस्थिति अधिक उपयुक्त होती।
फैन्स की प्रतिक्रिया
इस निर्णय पर क्रिकेट फैंस की प्रतिक्रिया तीव्र रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने गंभीर और यादव की आलोचना की है। कई यूजर्स ने गंभीर की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सैमसन को जानबूझकर बाहर किया, जबकि वे खुद एक समय पर सैमसन के पक्ष में बोलते रहे थे। इस आलोचना ने गंभीर और यादव की निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
इर्फान पठान का रियान पराग को चेतावनी
इर्फान पठान ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप करते हुए रियान पराग को चेतावनी दी है। पठान ने कहा है कि पराग को इस तरह की आलोचनाओं से प्रभावित नहीं होना चाहिए और उन्हें अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पठान का मानना है कि युवा खिलाड़ी को अनुभव प्राप्त करने का पूरा मौका मिलना चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें अपनी भूमिका को सही ढंग से निभाना होगा ताकि आलोचकों की बातों का उत्तर प्रदर्शन के जरिए दिया जा सके।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट में चयन निर्णय हमेशा ही विवादों का हिस्सा रहते हैं। संजू सैमसन की जगह रियान पराग का चयन भी इसी सिलसिले की एक कड़ी है। इस विवाद ने एक बार फिर चयनकर्ताओं और कोचों की निर्णय प्रक्रिया को सवालों के घेरे में ला दिया है। भविष्य में यह देखना होगा कि चयनकर्ताओं के फैसले कैसे परिणाम दिखाते हैं और क्या सैमसन को भविष्य में फिर से मौके मिलेंगे। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जहां उन्हें अपने पसंदीदा खिलाड़ियों और उनकी भूमिका पर ध्यान देना होगा और उन्हें समर्थन देना होगा।