तमिलनाडु के कलाकार कार्तिक ने सूर्य की किरणों से बनाई एमएस धोनी की तस्वीर

तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के थिरुथल से एक अनोखे कलाकार कार्तिक ने अपनी कला से सभी को चकित कर दिया है। वे पारंपरिक उपकरणों जैसे पेंसिल, रंग या ब्रश का उपयोग किए बिना अपनी कला की रचना करते हैं। उनका यह अभिनव तरीका सूर्य की किरणों का उपयोग करके लकड़ी पर चित्र उकेरने का है। इस विशेष प्रक्रिया के अंतर्गत, कार्तिक एक लेंस का इस्तेमाल करते हैं जो सूर्य की किरणों को एक लकड़ी के बोर्ड पर केंद्रित करता है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न गर्मी लकड़ी पर चित्र को जला देती है और इस प्रकार बिना किसी पारंपरिक उपकरण के अद्भुत कला का निर्माण होता है।

कार्तिक का यह अनोखा कला रूप तेजी से ध्यान आकर्षित कर रहा है और इसे लेकर लोगों में उत्सुकता भी बढ़ रही है। हाल ही में उन्होंने भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी एमएस धोनी की एक आकर्षक और सूक्ष्म चित्रकारी तैयार की। इस चित्रकला को बनाने के लिए कार्तिक ने पहले एमएस धोनी की तस्वीर का एक डिज़ाइन तैयार किया और फिर इस डिज़ाइन को एक लकड़ी के बोर्ड पर लेंस की सहायता से उकेरा।

इस प्रक्रिया की शुरुआत में, कार्तिक ने एक विशेष प्रकार के लेंस का चयन किया जो सूर्य की किरणों को एक सटीक बिंदु पर केंद्रित कर सके। जब सूर्य की किरणें लेंस के माध्यम से लकड़ी की सतह पर केंद्रित होती हैं, तो इस गर्मी के प्रभाव से लकड़ी की सतह पर एक हल्का सा जला हुआ निशान बनता है। इस निशान के विभिन्न गहराई और रंगों के आधार पर कार्तिक ने चित्र को जीवंत और आकर्षक बनाया।

एमएस धोनी की चित्रकारी को लेकर कार्तिक का कहना है कि वे धोनी की क्रिकेट के प्रति निष्ठा और उनकी महानता से प्रेरित थे। धोनी के व्यक्तित्व और क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण को उनकी कला में व्यक्त करना उनके लिए एक सम्मान की बात थी। इस प्रक्रिया को रिकॉर्ड करके कार्तिक ने न केवल अपनी कला का प्रदर्शन किया, बल्कि एक नई तकनीक की भी जानकारी साझा की।

इस वीडियो में कार्तिक ने पूरी प्रक्रिया को दिखाया है – कैसे वे लेंस को सही दिशा में रखते हैं, कैसे सूर्य की किरणों को लकड़ी पर केंद्रित करते हैं, और किस प्रकार वे चित्र को तैयार करते हैं। इस वीडियो को देखकर लोगों ने इस नई तकनीक के प्रति अपनी सराहना प्रकट की है और कार्तिक की कलात्मक क्षमता की भी प्रशंसा की है।

यह प्रक्रिया तकनीकी दृष्टिकोण से भी बहुत अद्वितीय है। पारंपरिक चित्रकारी के मुकाबले, जिसमें रंगों और पेंसिल का उपयोग होता है, यह तरीका प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करता है। इससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होते हैं, बल्कि यह कला को एक नई दिशा भी प्रदान करता है।

कार्तिक के इस प्रयास ने यह साबित कर दिया है कि कला की कोई सीमा नहीं होती और न ही इसके लिए किसी विशिष्ट औजार की जरूरत होती है। उनकी कला ने यह भी दिखाया है कि पारंपरिक विधियों से हटकर भी अद्वितीय और प्रेरणादायक चित्र बनाए जा सकते हैं।

कार्तिक का यह उदाहरण उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कला के क्षेत्र में नवाचार और प्रयोग करना चाहते हैं। उनका काम यह दर्शाता है कि सही दृष्टिकोण और रचनात्मकता के साथ, हम किसी भी सामान्य तत्व को अद्वितीय कला का रूप दे सकते हैं। इस प्रकार, तमिलनाडु के इस युवा कलाकार ने अपनी कला के माध्यम से एक नई दिशा और संभावनाएं खोल दी हैं।

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